चर्चित कवयित्री हेमलता दाधीच जी उदयपुर राजस्थान से आती हैं आप सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार हैं।
आपने मेरी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक
#बच्चे_होते_फूल_से की समीक्षा की है जो पाठकों से सम्मुख जस की तस प्रस्तुत है।
हेमलता जी का कृतज्ञ मन से आत्मीय आभार
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#बच्चे_होते_फूल_से
बच्चे सच में फूल जैसे ही होते हैं। बाल रचनाओं की बहुत ही सुंदर पुस्तक मुझे मिली। मनोज जैन जी को बहुत बधाई। यह आपकी पहली बाल रचनाओं की पुस्तक है। इससे पहले आपकी दो गीतों की पुस्तक आ चुकी हैं। पुस्तक में बाल रचनाओं के साथ पाँच पहेलियाँ और पाँच लोरी गीत भी हैं। वरिष्ठ साहित्यकारों की शुभकामनाओं एवं समीक्षा ने पुस्तक के आगमन पर मानो शब्दों की पुष्पवर्षा कर दी हो।
बच्चों का मन बहुत कोमल होता है और उस पर हर गतिविधि का गहरा असर पड़ता है। अतः उन्हें प्यार से रखना चाहिए। आज के भागदौड़ के माहौल में बच्चे इससे वंचित हो रहे हैं। यह सुंदर संदेश देती पहली रचना, जो कि पुस्तक का शीर्षक भी है — "बच्चे होते फूल से"।
सबका मंगल, हरियाली एवं जीवों की सेवा का संदेश देती हैं चतुर लोमड़ी,
मातादीन, गिनती गीत, प्यारी माँ, जादूगर, गिलहरी। ये रचनाएँ मनोरंजन, शिक्षा एवं कर्तव्य बोध कराती हैं। पुस्तक मेला, प्यारा भारत, ईश वंदना, देश हमारा जैसी बाल कविताएँ गुनगुनाते हुए बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाती हैं।
सुबह की सैर,विटामिन डी, मोबाइल से दूरी, होली जैसी रचनाएँ बच्चों में अच्छी आदतों के साथ साथ हमारे पर्वों की भी जानकारी देती हैं।दाने लाल अनार के, मोमलवाड़ा, पानी अनमोल, पलकों पर बैठाओ पापा, बड़ी बुआ, लगे नाचने नाना — ये रचनाएँ बच्चों को अपने रिश्तों के प्रति सिखाती हैं और फलों के प्रति दृष्टि बदलती हैं। वहीं, मम्मी सुम्मी, जिराफ, बिल्ली की रचनाएँ भी बच्चों को लुभाने वाली हैं।
इस पुस्तक में कुल जमा 41 रचनाएँ हैं। प्रत्येक रचना मार्मिक, संदेशपरक एवं मनोरंजन से ओत-प्रोत है। जहाँ तक मुझे लगा, इसमें पहेलियों एवं लोरी गीतों की गुंजाइश नहीं थी। बच्चों की पुस्तक की पृष्ठ संख्या अधिकतम 60-72 तक रहनी चाहिए, पृष्ठ संख्या अधिक हो गई है।
प्रत्येक रचना के साथ चित्र होते तो पुस्तक में चार चाँद लग जाते। कवर पेज सुंदर है। मूल्य: 200 रुपये — बाल साहित्य के हिसाब से उचित है। आपकी पहली बाल रचनाओं की पहली पुस्तक का बाल साहित्य जगत में पुनः स्वागत है। आपकी अगली पुस्तक जल्द पढ़ने को मिलेगी, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ।
समीक्षक:
हेमलता दाधीच
दिनांक: 11.09.2025
परिचय
श्रीमती हेमलता दाधीच
अध्यक्षा - सृजन ,समन्वय, भारती उदयपुर मण्डल,राजस्थान
जन्म - 4 फरवरी,डीकेन (म.प्र.)
शिक्षा - एम.ए.एम.लिब. पी.एच.डी.रनिंग
लेखकीय परिचय
विधा-कहानी ,कविता,गीत,
नाटक एकांकी,बालसाहित्य ,जीवनी, लघुकथा ,समीक्षा,आलेख,संस्मरण, यात्रावृतांत,पत्र लेखन,आदी।
पुस्तकें:- लाडली दादोसा री, कथावां 2007 (राजस्थानी भा. सा. एवं सं. अकादमी)
परी की सीख 2007(रा.सा.अ.)
टीकू चार आँखां रो 2012 (राज.भा.सा.अ.)
भारत को नमन 2015 बाल रचना
जीवन है रंगमंच 2022 (राज.सा.अ.)
लंच बाँक्स बाल नाटक 2023(बाल सा.अ.)
चाँद री बातां बाल कथावां(2025)
पत्र पत्रिकाओं ,संकलन एवं न्यूज पेपर में निरंतर प्रकाशन ।
प्रसारण- जयपुर दूरदर्शन पर हिन्दी एवं मरूधरा राज. में काव्य पाठ।
आकाशवाणी उदयपुर से कहानी कविताओं का प्रसारण।
पुरुस्कार, सम्मान
राजस्थानी भाषा गरिमा सम्मान 2006, कला शृंखला मंच ,उदयपुर।
विशेष प्रोत्साहन पुरुस्कार 2013 आकोला, चित्तौड़गढ़।
स्वतंत्रता सेनानी, श्रीऔंकारलाल शास्त्री स्मृति पुरुस्कार 2015 सलिला संस्था , सलुम्बर
मधुकर बाल सहित्य सम्मान 2016 दतिया (म.प्रदेश)
अमृता प्रीतम सम्मान 2020(विश्व लेखिका मंच मुम्बई)
राजस्थली सम्मान 2021 (राजस्थली संस्था डूंगरगढ़ बीकानेर)
बाल साहित्य सम्मान 2023 (नेहरु बाल साहित्य अ. जयपुर) बाल साहित्य मानद उपा
श्रीमती तारा पाण्डेय बाल साहित्यकार सम्मान 2024 (बाल सा.अं.संस्था भोपाल)
बाल साहित्य मानद उपाधि 2025
(साहित्य मंडल नाथद्वारा)
सम्बद्धता-युगधारा संस्था,
राजस्थली संस्था आजीवन सदस्यता
पता:-47नाईयों की तलाई,
सतीसाधना मंदिर,उदयपुर (राज.)पिन कोड़ 313001
मो.7357415790
email hd. hemlata71@gmail.com