शुक्रवार, 12 जुलाई 2024

नवगीत प्रस्तुति वागर्थ ब्लॉग

षष्टिपूर्ति का आयोजन है


लोकप्रिय समूह वागर्थ में प्रस्तुत है एक नया गीत। हाल ही में सिरजे गीत पर आपके सुझाव और  प्रतिक्रियाएं  प्रेम से सहर्ष आमन्त्रित हैं।
प्रस्तुति 
मनोज जैन 

षष्टिपूर्ति 
_________

गाना,
जिसका मोल नहीं,
वह गाकर धन्य हुए।

षष्टिपूर्ति,
के आयोजन में,
जाकर धन्य हुए।

लघुता में भी हम विराटता!
मढ़ते चले गये।
ग्रंथ विमोचित हुआ क़सीदे,
पढ़ते चले गये।

पैग मार हम,
सघन मेघ-से,
छाकर धन्य हुए।

दया,धरम,ईमान,विधाता,
इनकी झोली में।
रस टपकाया हमने भी 
शहदीली बोली में।

प्रायोजित,
उपहार लाख का,
पाकर धन्य हुए।

तिकड़म,गुणा,भाग,विज्ञापन,
लकदक शैली है।
हमनें निर्गुन स्वच्छ कहा, पर !
चादर मैली है।

झूठ बोल हम,
कसम राम की,
खाकर धन्य हुए।

मनोज जैन