मौसम आया गर्मी का
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सूरज आँख दिखाता है
हद है इस बेशर्मी का
मौसम आया गर्मी का
नागिन सी फुफकारती
हवा संटियाँ मारती
आया मौसम गर्मी का
गया रसातल में पानी
हलाकान सारे प्राणी
कर्फ्यू-सा सन्नाटा है
पल-पल कैसे काटा है
उठे बगुले धूल के
काँटे झड़े बबूल के
नदिया सिमटी रेत में
आग लगी है खेत में
अड़ी डालता है अंधड़
आँधी की हठधर्मी का
मौसम आया गर्मी का
पारा आग उगलता है
सारा आलम जलता है
कूलर ने दम तोड़ दिया
ए सी ने संग छोड़ दिया
बेदम चिड़िया हाँफ रही
मुनिया छुप मुंह ढाँफ रही
सूरज भाई रहम करो
रब से थोड़ा अजी डरो
इतनी गर्मी ठीक नहीं
ध्यान रखो कुछ नरमी का
मौसम आया गर्मी का
मनोज जैन
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