*नाम* – डॉ.माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’
*जन्मतिथि* – 07.02.1955
*जन्मस्थान* – डोंगरगढ़ , जिला-राजनांदगाँव (छ॰ग॰)
*शिक्षा* – एम.एस.सी (रसायन शास्त्र) , विद्या वाचस्पति
*संप्रति* – भू.उपमहाप्रबंधक(पर्यावरण प्रबंधन),एनटीपीसी,कोरबा, छ.ग.
– भू. जिला पर्यावरण विशेषज्ञ(डीईआईएए),जिला-कोरबा(छ.ग.)MoEFके अधीन , भू. आब्जर्वर इंजीनियरिंग कॉलेज ,कोरबा ।
*वर्तमान* – स्वतंत्र लेखन ।
*डाक का पता* – क्वा.नं.- ए.एस.14, पावरसिटी, अयोध्यापुरी, जमनीपाली, जिला-कोरबा (छत्तीसगढ़) 495450
*चलभाष* – 9424141875 एवं 7974850694
*ईमेल* – vskm_manik@rediffmail.com
*प्रकाशित कृतियाँ* -
(1) तेरे शहर में(ग़ज़ल संग्रह) (2) माँ बम्लेश्वरी(संक्षिप्त इतिहास)
(3) यादों की मीनारें (ग़ज़ल संग्रह)
(4) सर्पदंश (ग़ज़ल संग्रह)
(5) हरे पेड़ की सूखी टहनी (गीत संग्रह)
(6) पसंगा (ग़ज़ल संग्रह)
(7) लंबे दिन लंबी रातें (गीत संग्रह)
(8) मन के विपरीत (ग़ज़ल संग्रह)
(9)द्विविध (दोहा एवं मुक्तक संग्रह)
(10)पुन्नी के चंदा ( 36गढ़ी गीत संग्रह)
(11) साहित्य के माणिक नवरंग (एकाग्र)
(12) नवरंग की कुंडलियाँ
(13) रिश्ते टूट गए (नवगीत संग्रह)
(14) गाँव के हो गए (हिन्दी ग़ज़ल संग्रह – हिंदकी)
*प्रकाशनाधीन* –
हिन्दी काव्य के प्रचलित छंद एवं नवछंद विधान हिंदकी
*संपादन* –
(1)संकेत (हिन्दी काव्य संग्रह)
(2) कोरबा के कवि (हिन्दी काव्य संग्रह)
(3) गुड़ेरिया ( छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह)
(4) मन का अंतरजाल (हिन्दी काव्य संग्रह) एवं
(5) हिंदकी (हिन्दी ग़ज़ल संग्रह)
*सहभागिता* – प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित साहित्य सम्मेलन, परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन ।
*भोपाल में आयोजित दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सहभागिता।*
*प्रसारण* – दूरदर्शन (डीडी -1,आजतक, आईबीएन-7, ई-टीवी,ज़ी-छ.ग,गुंबर टीवी एवं एसीएन) तथा आकाशवाणी केंद्रों (रायपुर,नागपुर,इंदौर,रींवा एवं बिलासपुर ) से रचनाएँ प्रसारित (सन 1980 से)
*प्रकाशन* – अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रमुख पत्र, पत्रिकाओं, विशेषांकों एवं काव्य संग्रहों में नियमित प्रकाशन ।
*समाचार पत्र* – देशबंधु, अमृत संदेश, नवभारत, हरिभूमि,दैनिक भास्कर,प्रखर समाचार, पत्रिका, दक्षिण भारत राष्टमत, सवेरा संकेत, अपडेट न्यूज, चैनल इंडिया, बालको समाचार,सवेरा संकेत, इतवारी अखबार, लोक कला दर्पण एवं मालव समाचार आदि।
*पत्रिकाएँ एवं काव्य संग्रह* – मंथन (सन 1975) हंस, वीणा, साप्ताहिक हिंदुस्तान,सरिता, साहित्य अमृत, पाखी ,माधुरी, हरियाणा संवाद,त्रिवेणी, विंध्यसंदेश, अंत्योदय, आमंत्रण, विद्युत स्वर, विंध्यवीणा, युगधर्म, जनपक्ष, मयारूमाटी, अंतरराष्ट्रीय लघुकथा संग्रह, हिन्दी साहित्य का संदर्भ कोश ,सरस्वती सुमन, अभिनव प्रयास, अक्षरपर्व, विचारवीथी, किस्सा कोताह, अदबनामा , छत्तीसगढ़ मित्र, अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण समाचार, प्रज्ञातंत्र, अट्टहास, गुफ़्तगू, शोध प्रभांजलि, शब्द प्रवाह, अदबनामा, अर्बाबे कलम, हिंदुस्तानी भाषा भारती, साहित्यायन, उपलब्धि-2009 (अंतर्राष्ट्रीय काव्यसंग्रह), धूम्र ज्योति काव्य संग्रह ,भारत के श्रेष्ठ कवि एवं कवयित्रियाँ,श्रेष्ठ काव्य माला, इक्कीसवीं सदी के श्रेष्ठ कवि एवं कवयित्रियाँ, समकालीन गीत संग्रह,बांदा का योगी– केदारनाथ आलेख संग्रह ,कला परंपरा, छत्तीसगढ़ के सरस स्वर, छत्तीसगढ़ कविता के सौ साल, राष्ट्रीय बाल साहित्य ग्रंथ, विजन टूडे, भारत भारती, स्वर्णप्रभा, शामियाना, आँसू, हम्द संग्रह, सृजनसुमन, मंज़र, जनपक्ष मध्य वार्ता, अरुणिमा ,तख़्तो ताज, ग़ज़ल के बहाने, जर्जर कश्ती, शोधदिशा, उजाला, छत्तीसगढ़ आसपास , अंतहीन, लोकसुर, जंगलबुक, सर्वहारा पथ, ठेंगे पर मार दिया,काव्य वाटिका,कोशिश, प्रगतिसमाचार, लोकस्वर,गजल के बहाने,समकालीन गीत संग्रह , नूतन कहानियाँ ,नव साहित्य त्रिवेणी, मरु नवकिरण , जन आकांक्षा ,सृजन महोत्सव आदित्य संस्कृति, स्पर्श , वार्षिकांक – उजाला (1990 से अभीतक नियमित रूप से), अमृतसंदेश एवं नवभारत दीपावली विशेषांक आदि)।
*साहित्य संपादन* – एसीएन टीवी चैनल कोरबा(छ.ग.)
चयन समिति – किस्सा कोताह (साहित्यिक पत्रिका), ग्वालियर ।
*समीक्षा* – 50 से अधिक समीक्षाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित ।
*शोध कार्य* – हिन्दी ग़ज़ल का इतिहास एवं ‘नव छंद विधान हिंदकी’ के प्रवर्तक के रूप में राष्ट्रीय ख्याति।
*विभिन्न साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं से सम्बद्ध* –
●प्रांतीय संरक्षक- सिरजन साहित्य समिति (36 गढ़ी भाषा के उन्नयन एवं विकास हेतु समर्पित संस्था) ,
●संरक्षक – पंडित मुकुटधर पांडे साहित्य भवन समिति ,कोरबा ,
●संरक्षक – कोरबा साहित्य समिति ,कोरबा ,
●संरक्षक – विश्वकर्मा समाज कोरबा
● संरक्षक , पॉवरसिटी वेल्फेयर सोसायटी
● मार्गदर्शक- छ.ग. हिन्दी साहित्य भारती
●अध्यक्ष – प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन , कोरबा
●अध्यक्ष – संकेत साहित्य समिति कोरबा ,
●अध्यक्ष – सृजन साहित्य समिति,कोरबा ,
●जिलाध्यक्ष – छ.ग.राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ,कोरबा , अध्यक्ष – छ.ग.प्रगतिशील लेखक संघ ,कोरबा ,
●अध्यक्ष – श्री श्रीगणेश पूजा समिति , पॉवरसिटी,जमनीपालि,कोरबा एवं
●भू.जिलाध्यक्ष – छ.ग.राजभाषा आयोग, छ.ग.शासन
●भू.जिला संयोजक – छ.ग. राजभाषा आयोग, प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान एवं छ.ग.विज्ञान क्लब।
●भू.विशेषज्ञ/प्रबंधन सदस्य – केन्द्रीय विद्यालय बीसीपीपी एवं एनटीपीसी, जमनीपाली तथा शा.इं.वि. स्नातकोत्तर विद्यालय कोरबा।
*सम्मान एवं अलंकरण* – 100 से अधिक (आंचलिक,प्रांतीय एवं राष्ट्रीय) जिसमें डॉ.रमन सिंह,मुख्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन के हाथों कबीर साहित्य रत्न सम्मान 1.12.2007 , विधान सभा अध्यक्ष छ.ग.के हाथों प्रदत्त दिनकर सम्मान -2016 एवं गृहमंत्री छ.ग.शासन द्वारा विवेकानंद भवन दुर्ग में प्रदत्त साहित्य सम्मान एवं शिक्षा मंत्री छ.ग. शासन के हाथों शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान 2021 शामिल है)
( कुछ प्रमुख – छत्तीसगढ़ साहित्य रत्न 1989, हस्ताक्षर सम्मान – 2003, साहित्य शिरोमणि मानद उपाधि- 2004 , राष्ट्रभाषा सम्मान-2004, कृति भूषण सम्मान-2006,साहित्य सम्मान-2006, बैरिस्टर छेदीलाल स्मृति सम्मान-2007, अग्र साहित्य सम्मान-2008, साहित्य सुदर्शन मानद उपाधि-2008, राष्ट्र भाषा अलंकरण-2010, हिन्दी विद्यारत्न भारती सम्मान-2010, शब्द भूषण एवं अखिल भारतीय सम्मान-2010 , विद्या वाचस्पति मानद उपाधि-19.12.2010 , भारतीय भाषा रत्न एवं कवि शिरोमणि मानद उपाधि-2011, श्रेष्ठ ग़ज़ल साधक सम्मान-2012 , एनटीपीसी कोरबा द्वारा स्वतन्त्रता दिवस समारोह में नागरिक अभिनंदन एवं सम्मान, कौमी एकता अवार्ड-2012, कौमी एकता अवार्ड-2012, अखिल भारतीय हिन्दी सेवी संस्थान द्वारा राष्ट्र भाषा गौरव सम्मान-2012 ,हिन्दी दिवस सम्मान -2013 नवोदय विद्यालय कतघोरा द्वारा, हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य के लिये रोलिंग ट्रॉफी 2014, एनटीपीसी के क्षेत्रीय निर्देशक के हाथों विश्व हिन्दी दिवस पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विश्व हिन्दी दिवस 2014 को अभिनंदन एवं सम्मान, 15.3,2015 को रामपुर में नागरिक अभिनंदन एवं सम्मान,राष्ट्रकवि दिनकर सम्मान 2016 , हिन्दी दिवस 2017 को बालको-वेदांता द्वारा आयोजित परिचर्चा में हिन्दी सेवा सम्मान, निखिल शिखर सम्मान 2018, नवरंग साहित्य विभूति सम्मान 2018, हिन्दी काव्य भूषण सम्मान 2019,
विश्वकर्मा कुलरत्न 2020 , अनमोल मणि सम्मान 2020 एवं शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान 2021)
● पिछले 43 वर्षों से आंचलिक एवं अ.भा.मंचों से काव्य पाठ।
धन्यवाद भाई....
जवाब देंहटाएं