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माँ : स्व. श्रीमती गायत्री देवी वसिष्ठ
पिता : स्व. श्री विद्या सागर वसिष्ठ 'सागर',पत्रकार
(दैनिक हिन्दुस्तान,नई दिल्ली,1945--1980) व कवि।
जन्म : 04 नवम्बर,1946,गाँव:सिकन्दरपुर काकौड़ी,
ज़िला:हापुड़,उ.प्र. ।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी),पी-एच.डी.
नौकरी : 1974 से 1998 तक ने मे शि ना दास कालेज,बदायूँ, (उप्र);1998 से 2007 तक एन आर ई सी कालेज खुरजा(उप्र)।
हिन्दी-विभागाध्यक्ष के रूप में सन् 2007 में सेवानिवृत्ति।
शोध-पर्यवेक्षक : लगभग 20 वर्षों तक पी-एच.डी. डिग्री आदि के लिए शोध-निर्देशन।
सम्प्रति : स्वतन्त्र लेखन।
पहचान : आठवें दशक में नवगीतकार के रूप में पहचान।
प्रकाशन : नवगीत संग्रह 'बना रह ज़ख़्म तू ताज़ा' प्रकाशित।
प्रकाश्य : 'पंख का नुचना' नवगीत संग्रह;'भेंटशुदा चश्मा' नवगीत संग्रह ;'देखना फिर-फिर समय को' नवगीत संग्रह;
'टूटी लहर' गीत संग्रह;'दे दे प्यार दे' नाटक;'मैं चोर हूँ,मुझ पर थूको'नाटक(मूल कथा संजीव);'ढाई आखर' बाल नाटक संग्रह;
'कहा.... सुनी' व्यंग्य लेख संग्रह उपनाम ठालिगराम से;
'मेरी रेडियो वार्ताएँ';समीक्षात्मक आलेख संग्रह,'नयी कहानी का सामाजिक सन्दर्भ' शोध कार्य।
नवगीत कोश,समकालीन गीत कोश,गीत वसुधा,उत्तरायण,
संवदिया आदि संकलनों में शामिल।
धर्मयुग,साप्ताहिक हिन्दुस्तान,नवभारत टाइम्स,हिन्दुस्तान,
अन्तराल,वागर्थ,अलाव,आजकल,उत्
अमर उजाला,सैनिक समाचार,अभिनव प्रसंगवश,अभिनव प्रयास,गीत गागर,गाँधी वांगमय,वर्तिका आदि में प्रकाशित।
काव्य-पाठ : यूट्यूब पर वीडियो एलबम -- Subhash Vasishtha ke Geet
दूरदर्शन व रेडियो के विभिन्न स्टेशनों से काव्य-पाठ।
कवि गोष्ठियों व सम्मेलनों में काव्य-पाठ।
रंगकर्म : सन् 1980 में बदायूँ में नाट्य संस्था 'रंगायन' की स्थापना,जिसके तत्वावधान में,लगभग दो दशक तक ---
होरी,जात ही पूछो साधु की,महाभोज,दिल्ली ऊँचा सुनती है,
मैं चोर हूँ मुझ पर थूको,बड़ा साहब,कवि काहिनी,मंत्रिमंडल, बकरी,गिरगिट,गड्ढा,मशीन,अपहरण भाईचारे का,सड़क पर,
अंधेर नगरी चौपट्ट राजा आदि बड़े-छोटे नाटकों का निर्देशन तथा उनमें मुख्य भूमिकाओं हेतु अभिनय।
साथ ही बदायूँ शहर,आसपास के गाँवों,बरेली,चन्दौसी,खुरजा,
इस्लामाबाद,हापुड़ आदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगरों में नुक्कड़ नाटकों का प्रदर्शन।
फ़िल्म व टीवी : सईद अख़्तर मिर्ज़ा की फ़िल्म 'मोहन जोशी हाज़िर हो' में छोटी सी भूमिका के लिए अभिनय।टीवी धारावाहिक 'अदालत' (सोनी टीवी/सोनी पल) तथा कुछ अन्य धारावाहिकों में अभिनय।कुछ विज्ञापन फ़िल्में के लिए अभिनय।
'आखा तीज','पुरातत्व को उकेरता यायावर' तथा 'जीजी' डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मों का निर्देशन व लेखन।
अग्रसर : देश की राजधानी दिल्ली की साहित्यिक संस्था 'अग्रसर' के तत्वावधान में,सन् 1985 से प्रतिवर्ष,लगभग तीन दशक तक,विभिन्न विषयों पर पत्रकारिता विमर्श गोष्ठियों तथा कवि गोष्ठियों का,पत्रकार व कवि अनुज स्व.सतीश सागर के साथ मिलकर,आयोजन,जिसमें शीर्ष पत्रकारों व कवियों ने शिरकत की।
स्थायी निवास व सम्पर्क :
सी-29,गुलमोहर पार्क,नई दिल्ली-110049
मोबाइल : 9971839177
ईमेल : subhash.vasishtha@gmail.com
सुभाष जी को नमन
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंप्रणाम सर!
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