सोमवार, 7 नवंबर 2022

एक टिप्पणी

नर्मदेहर।
प्रिय भाई मनोज जी, कल आपके गीत सुनकर बहुत अच्छा लगा।आपके गीत बहुत संभावना लिये हुए हैं। मेरी हार्दिक बधाई।कार्यक्रम के बाद आपसे मिलने की इच्छा पूरी न हो सकी।शायद आप बीच में ही चले गये थे।मेरा वक्तव्य भी संभवतः आप नहीं सुन पाये।
सादर।
डॉ.श्रीराम परिहार।

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