ब्लॉग वागर्थ में आज प्रस्तुत हैं प्रतिमआखिलेश जी के चुनिन्दा लोरीगीत
प्रस्तुति
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वागर्थ
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1
बदली रानी
उमड़-घुमड़ कर खूब बरसना' बरसाना पानी पानी,
पहले सो जाने दो मेरी, गुड़िया को बदली रानी।
रिमझिम बूँदे बरसेंगी तो झूम-झूम वो नाचेगी,
रुनझुन-रुनझुन उसकी पायलिया, छूम छनन-छन बाजेगी।
उड़ जाएगी नींद नयन से तूने बात जो न मानी।
पहले सो जाने दो मेरी गुड़िया को बदली रानी।
जिसको सुन कर सो जाए वो, हो जाये सपनो में गुम,
बदली रानी अभी सुनाओ गीत ज़रा सा मद्धम तुम।
करना नही शरारत कुछ भी, और न करना मनमानी।
पहले सो जाने दो मेरी गुड़िया को बदली रानी।
2.
बुंदेलखंडी लोरी
अरी सो गओ सबरो गाँव री।
पुरा-परौसन सो गओ पूरो सो गई नदिया -नाव री।
टुकुर-टुकुर जो तकै ललनवा मारे पलना पाँव री।
अरी सो गओ सबरो गाँव री।
बैलन की घण्टी गरे बाजे,बदरा गरज-गरज के गावै,
कौनऊ बारी के बेर झरावे,नौनी नीकी नींद भगावे।
सुअना टेरे अलख जगावै,कहाँ नींद को ठाँव री।
अरी सो गओ सबरो गाँव री।
मोरे ललना तुमखौ पाई ,तुम्हे देख जिये तुम्हरी माई
पढा लिखा के ठांडो करिहै, करियो लल्ला खूब कमाई।
भरी दुफैरी हम पा जाई,तुम सी ठंडी छाँव री।
अरी सो गओ सबरो गाँव री।
3
तकिया झालरदार
लाल पलंग पर लाल चदरिया तकिया झालरदार,
जिसपर अब सोएगा मेरा नन्हा राजकुमार।
सोजा-सोजा रे कुमार तुझ पर मैं जाऊँ बलिहार ।
सपनों में आएगी निंदिया लेकर नए खिलौने,
खूब खिलाये बात बनाए ज़रा न देगी रोने।
बिठा पीठ पर ले जाएगी सात समंदर पार।
तुझसे खूब करेगी प्यार सोजा-सोजा राजकुमार।
ज़रा मूंद ले अखियाँ लल्ला जल्दी-जल्दी सोजा,
मेरे राजाबेटा झटपट सुख सपनों में खोजा।
छोड़ ठुनकना वहाँ मिलेंगी चीज़ें कई हज़ार।
कैसी ठंडी चले बयार तेरा बिस्तर रहा पुकार।
सोजा-सोजा राजकुमार....।
4
चिरैया सोजा
छोटी सी चिरैया सोजा छोटी सी चिरैया।
गा-गाकर सुलाए तुझे दीदी और भैया।
चाचा की चकोरी लाडो मामा की है मुनिया,
भैया और बहन की है तू तो सारी दुनिया।
दिन भर तू नचाए हमे, घर में ता-ता थैया ।
छोटी सी चिरैया सोजा छोटी सी चिरैया।
दादाजी का चश्मा है तू दादी की घड़ी है,
नाना का सहारा तू ही नानी की छड़ी है।
अटपट-अटपट बोले हा-हा घर भर की गवैया।
छोटी सी चिरैया सोजा छोटी सी चिरैया।
5
पलना में बाँधो झूमर।
पलना में बाँधो झूमर फुँदना और डोरी।
कहाँ हिरानी निदिया आज तुरतई दौरी।
सुंदर सलोनो सो रहो लल्ला,
ए मोड़ा-मोड़ी कुई करियो ने हल्ला।
उठ जेहे रो-रो ढ़ेर लगाहे,
एसो नटखट पकरै है पल्ला।
गा -गा सुनाऊँ मैं लोरी, ले बलैयाँ तोरी।
कहाँ हिरानी निदिया आजा तुरतई दौरी।
ढीठ उतारूँ डिठौना लगाऊँ,
सुन किलकारी बेझई रिझाऊँ।
झूमे दौरे खेले ललनवा
तुलसी चौरा अरघ चढ़ाऊँ।
तोरी ये बहियाँ गोरी,बने लाठी मोरी।
कहाँ हिरानी निदिया आजा तुरतई दौरी।
पलना में बाँधो झूमर फुँदना और डोरी।
कहाँ हिरानी निदिया आजा तुरताई दौरी।
6
निबुआ महक उठो आजा री
हरी-हरी बिरछा की डारी पे डारो, झूला मुनियाँ रानी,
अमरैया पे बैठी गावै न आवै निदिया रानी।
निबुआ महक उठो आजा री,महुआ महक उठो आजा री।
अरी अँखियन में आजा री, निदिया अँखियन में आजा रीsssss।
ऊँघन लगी फसल खेतन की, बगियन की तरकारी।
गैया बच्छा सो गए सबरे, और लरकी लरका री।
कैंथा महक उठो आजा री,मुनगा महक उठो आजा री।
अरी अँखियन में आजा री निदिया अँखियन में आजा री।
हरी-हरी बिरछा की डारी पे डारो झूला मुनियाँ रानी।
अमरैया पे बैठी गावे न आवे निदिया रानी।
सतुआ महक उठो आजा री,गन्ना महक उठो आजा री।
7
मैया झूला झुलावै
काहे न आनि सुवावै निदरिया काहे न आनि सुवावै।
सोवे सलोनो मूँदे पलकें, मैया झूला झूलावे।
.. निदरिया काहे न आनि सुवावै।
सुग्गा मैना कहैं कहानी,चिडिय़ा गीत सुनावै।
खूब खुआऊँ रबरी मलाई,जो तू अँखियन आवै।
निदरिया काहे न आनि सुवावै।
बेला मोगरा से मालनियाँ सुंदर पलना सजावै
कह सुनार से आजहि दे दऊंँ पैजनियाँ गढवावै।
. निदरिया काहे.......
झुनझुना बाजनो झूम पवनियाँ झुन-झुन ऐसो बजावै,
अरे कन्हैया तोरी मैया मीठी लोरी गावै।
निदरिया काहे न आनि सुवावै।
प्रतिमा अखिलेश
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परिचय
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नाम-- प्रतिमाअखिलेश
पति-- अखिलेश सिंह श्रीवास्तव
जन्म--- 6 मई
सम्प्रति--- उपाध्यक्ष वोल्गा वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन
शिक्षा-- एम. कॉम.
विधा-- कविता गीत बाल साहित्य
प्रकाशन---
तुम हो तो (काव्य संग्रह)
सुंदर एक अयोध्या नगरी
रंग मंच के नन्हे तारे(बाल नाटक)
महारानी मन्दोदरी(कथा काव्य)
4 साझा संग्रह,
रुद्रदेहा (पति के साथ साझा उपन्यास)
सम्मान---
साज सारंग अलंकरण जबलपुर
स्व बालशौरि रेड्डी सम्मान उज्जैन
ओम साहित्य सम्मान गाडरवारा
सुश्री चन्द्रवतीराघव भोपाल
काव्य कुमुद ग्वालियर
कादम्बरी सम्मान जबलपुर
तुलसी सम्मान बालाघाट मित्र सम्मान झांसी
साहित्य सौरभ सुल्तानपुर
पाथेय सम्मान जबलपुर
राष्ट्रीय चेतना गौरव छपारा
सुभद्रा कुमारी मंच सिवनी
भागलपुर से विद्यावाचस्पति उपाधि।
संपर्क दादू मोहल्ला संजयवार्ड सिवनी
9407814975
बेहतरीन अभिव्यक्ति प्रतिमा अदभुत सृजन
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रतिमा जी,आपकी लोरियों से बचपन याद आ गया,शुभकामनाएं।
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