शनिवार, 26 जून 2021

पाठक परिचय में प्रस्तुत हैं मंज़र-उल वासै जी प्रस्तुति: वागर्थ


       

नाम :  मंज़र-उल वासै
पिता का नाम : स्व. रोशन अली 
                            ' रोशन '
जन्म : ग्राम  ' धातरी ' 
          NH-2 पर । दारा शिकोह
की नगरी ' शिकोहाबाद ' से 6 किमी पूर्व की ओर, ठीक हाईवे पर ।

जन्म तिथि : 15-01-1940
अनेक सम्मान पांच-सितारा होटलों में भी हुए हैं ।
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स्वामी महावीर की 2500 वीं
जयंती ( शायद 1979 ) पूरे विश्व
में मनाई गई थी , और वर्षभर 
तत्सम्बंधी समारोह चले थे ।
उस वर्ष एक बड़े निबंध ( लघु
शोध प्रबंध ) का आयोजन अखिल भारतीय स्तर पर किया
गया था , जिसका विषय था 
" भारतीय धर्म संस्कृति और दर्शन को जैन धर्म , संस्कृति
और दर्शन का योगदान " । अपने
एक जैन मित्र और सहकर्मी के
विशेष आग्रह पर मैंने भी इस
प्रतियोगिता में भाग लिया था
और अखिल भारतीय स्तर पर
प्रथम स्थान प्राप्त किया था और
जयंती वर्ष के अंतिम दिन आयोजित समारोह में मैनपुरी
की जयंती समिति द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS )
की आनुषंगिक संस्था  
भारतीय साहित्य परिषद झंडेवालान , दिल्ली द्वारा दो बार सम्मानित १- दिल्ली ( राजघाट )
विषय : ' विभिन्न गीता भाष्यों में
             निहित संदेश '
             २- अहमदाबाद    विश्वविद्यालय परिसर ,
विषय : ' भारतीय साहित्य में 
        सामाजिक समरसता '
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हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा हिंदी सेवा  सम्मान 
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गीतांजलि साहित्य द्वारा 
' गीतांजलि सम्मान '
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विशेष
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आगरा - बाबू गुलाब राय सम्मान
इस सम्मान समारोह में केवल दो
भारतीय सम्मानित किए गए थे
एक वैज्ञानिक कलकत्ता से और
मैं हिंदी भाषा , वर्तनी हिंदी व्याकरण के लिए । शेष सभी
सम्मान प्राप्त कर्ता थे : एक 
लंदन से , एक अमेरिका से और
दो मॉरीशस से अर्थात् देश विदेश
से कुल छह सम्मान , जिन में दो
महिलाएँ थीं ।
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अनेक महाविद्यालयों में , 
निबंध , कहानी , कविता , भाषण , वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में निर्णायक ।

अनेक संस्थाओं द्वारा देशभक्ति
गीत , कविता , नाटिकाएँ आदि
प्रतियोगिताओं के निर्णायक ।
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अनेक साहित्यिक पत्रिकाओं का
सम्पादन ।
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अखिल भारतीय स्तर पर अनेक मंचीय कवियों की रचनाओं और
कविताओं की पुस्तकों की प्रूफ
रीडिंग । कवियों के नाम बताने
पर लोग विश्वास नहीं करेंगे 
क्योंकि वे उच्च कोटि के साहित्य-
कार भी माने जाते हैं पर लेखन
में अविश्वसनीय त्रुटियाँ करते हैं।
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एम ए ( हिंदी ) के बाद होने वाले
दीक्षांत समारोह में स्व.मोरारजी
देसाई और कुलपति ने संयुक्त रूप से Best Student of
the college का अवॉर्ड प्रदान
किया ।
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अनेक सार्वजनिक समारोहों की
अध्यक्षता , जिन में ज़िलाधिकारी
या कोई वरिष्ठ अधिकारी या नेता
मुख्य अतिथि थे ।
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ब्रजभाषा उन्नयन समिति द्वारा
' रसखान सम्मान ' से सम्मानित
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देश के प्रसिद्ध औद्योगिक घरानों में से एक 'बजाज '  (बजाज इलैक्ट्रीकल्स और बजाज ऑटोज़) के NGOs शब्दम् की
ओर से गत 15 वर्षों में लगभग 500 जूनियर हाईस्कूल्स से लेकर महाविद्यालयों तक में हिंदी वर्तनी और व्याकरण की छात्र-छात्राओं और अध्यापकों को प्रश्नोत्तरी माध्यम से शिक्षा ।
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शैक्षिक : एम ए ( अंग्रेज़ी , हिंदी , दर्शनशास्त्र  ) .

तकनीकी : अखिल भारतीय बीमा संस्थान मुंबई के Fellow

पद : गत 35 वर्ष से अनेक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के  संरक्षक /अध्यक्ष/
महासचिव रहे और वर्तमान में
भी हैं ।

सम्मान / पुरस्कार :
सन् 1958 से अब तक इतने कि
सभी याद नहीं । जो कुछ याद हैं
उनमें से कुछ :

LIC के आगरा मंडल ( बुलंदशहर
से कन्नौज ) द्वारा  LIC दिवस और हिंदी दिवस पर ( 1960 से
1990 तक ) आयोजित लगातार
15 वर्ष तक  प्रति वर्ष  अंग्रेज़ी  निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार । और हिंदी निबंध प्रतियोगिता में 15 वर्षों में से 
14 वर्ष तक प्रति वर्ष प्रथम
और एक वर्ष द्वितीय पुरस्कार ।

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